बुधवार, 25 सितंबर 2013

मंगलवार, 20 मार्च 2012

कभी हसरत की थी जिसकी,
वो हकीकत में मिल गया मुझको 
और क्या मांगू जिंदगी तुझसे 
बस अब इतना और कर दे 
जो लकीरो ने दिया है मुझको 
वो आखिर तक मेरा ही रहे 
बांटना न पड़े ............
सुख दुःख 
कुछ भी, 
कभी भी,
किसी से,
सुख में मुस्कुराऊं 
दुखो से लड़ जाऊं
ताकि में आज की तरह ही कल भी कह सकूँ 
जिंदगी मुझे इश्क है तुझसे 
तूने जो भी दिया है मैंने लिया है 
मैंने तुझे दिल से जिया है !


 

शुक्रवार, 16 मार्च 2012

रिश्तों में एक ऐसा भी दर्द छुपा होता है ,
जो रूपये पैसे से  दबा होता है 
या दबाया गया होता है 
जब  रूपये पैसे कम होने लगते हैं,
दर्द जागने लगता है ,
रिश्तों में खटास आने लगती है ,
दर्द अपना रास्ता ढूँढने लगता है ,
रिश्ते अपना मतलब खोने लगते है,
रिश्ते बोझ बन जाते हैं,
सब कुछ बंजर सा लगता है 
जीवन बंधन सा हो जाता है 
बस एक ही रास्ता नजर आता है,
सब कुछ छोड़ कर चले जाना 
खुद से भी घृणा होने लगती है 
जब कुछ कर नहीं सकते तो मर जाना ही अच्छा लगता है ,

शनिवार, 12 फ़रवरी 2011

:(

वाल स्ट्रीट जनरल में पढ़ा "डीजीटाइज ओर्र डाई".
अब क्या सच में किताब मर जाएगी????

शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

:)

ये ख्वाहिशें भी मेरी ही तरह आवारा निकली ,
सिर्फ आसमान ही देखा, सरहदें नहीं देखी!!

रविवार, 2 जनवरी 2011

यादें

 यादें मीठी होती हैं मिश्री सी
 दिल में छुपी रहती हैं ,
 किसी कोने में गुमसुम सी

मंगलवार, 16 नवंबर 2010

:(

एक ख्वाब, एक ख्याल  या एक हकीकत हो तुम!!
हर पल महसूस होती है, कैसी जरूरत हो तुम!!