शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

मुझे लिखना है !!

लिखना इतना आसान नहीं होता भावों की शाब्दिक अभिव्यक्ति सरल नहीं होती, भाषा के सागर से शब्दों के मोती चुनना, भावों में ढाल कर सोच को पृष्ठों पे उतरना मुझे बड़ा ही कठिन लगता है  पिछले १५ -१६ वर्षो से मन के किसी  कोने में लिखने का शौक था !शायद  तभी एक फांस सी चुभती थी की इतना पढ़ती हूँ पर लिख नहीं पाती ,पिताजी कहते थे लिख  तभी तो पता लगेगा क्या सीखा , भाषा में स्पष्टता आएगी फिर भी कभी कुछ नहीं लिखा मैंने तब मैं जब भी लिखने की  सूचती लगता की समय बर्बाद कर रही हूँ इतनी देर में कुछ और न पढ़ लूँ और पढने का शौक लिखने पे हावी हो जाता पढने का ये शौक विरासत में मिला है, दादा जी को भी मैंने हमेशा कुछ न कुछ पढ़ते हुए ही देखा बचपन में चम्पक, नंदन, बालहंस, नन्हे सम्राट से टीन एजर और फिर कब टैगोर,शिवानी,मृणाल पाण्डे,हिमांशु जोशीजी,ओ  हेनरी, हेमिंग्वे , प्रेमचंद, शैलेश मटियानी,कमलेश्वर को पढने लगी पता ही नहीं चला घर में पापा, चाचा सभी साहित्य के प्रशंषक हैं  किताबों की कभी कोई कमी नहीं थी श्रृंखला के प्रकाशन ने एक नई सोच और मधु चाचा ने कवि सम्मेलनों में ले जाकर  मुझे नया जीवन दे दिया , अब मैं कुमाउनी साहित्य से भी जुड़ गई थी बालम सिंह जानोटी जी और देवकी दादी की रचनाए मुझे  बहुत अच्छी लगती फिर पढ़ाई बीच में आ गई जब किताबों की कमी लगी तो अल्मोड़ा की लिब्ररी की मेम्बरशिप ले ली पिताजी ने ....लगभग पिछले 15 साल से मेम्बर हूँ Pgdca के समय तक तो साहित्य पढ़ती रही लेकिन Mba में घर  से दूर आकर किताबों के आभाव में पढना बंद हो गया, अब स्लेबस की किताबें ही थी पढने को, अब जब Mba पूरा हो गया है फिर से पढ़ना शुरू करुँगी और सोच लिया है कुछ अच्छा लिखूंगी......इसलिए ये ब्लॉग   बनाया है...आशा है लिखूंगी...अच्छा लिखूंगी .... 

10 टिप्‍पणियां:

  1. Beautifully written text.

    would like to be in touch with you.
    chitranka_dalakoti@yahoo.com

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  2. @Manish I m really very sorry my Idea Netsetter is still troubling me. Pls don't mind i will post my comments on ur blog as soon as possible.
    @Chitranka Thanks

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  3. toh noopur tumne likhna bhi shuru kar diya. kuch toh chod deejiye aur k liye karne ko.

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  4. Beautiful and very true!!
    You should upload more writings from your Diary.

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  5. @Abhi huh kattie u want to die na..tu comments bht faltu karta hai bhaag ja yha allowed nahi hai tu..:-X

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  6. hey Noopur u r also good writer ..cool!! I am Impressed..
    Hitesh Raina(Edol Co.)

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  7. oh my god...Hitesh Sir impressed.....
    finally I should expect a promotion.....:)

    ...anyways ...:)thanks sir..

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