मैं आवारगी
शनिवार, 13 नवंबर 2010
:(
कोई शिकायत, कोई अधूरी ख्वाहिश भी नहीं है
फिर भी न जाने क्यूँ लड़ती रहती हूँ खुदा तुझसे मैं
1 टिप्पणी:
gaurav
16 नवंबर 2010 को 8:52 am बजे
khud se ladiye...khuda se nahi :)
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