मंगलवार, 20 मार्च 2012

कभी हसरत की थी जिसकी,
वो हकीकत में मिल गया मुझको 
और क्या मांगू जिंदगी तुझसे 
बस अब इतना और कर दे 
जो लकीरो ने दिया है मुझको 
वो आखिर तक मेरा ही रहे 
बांटना न पड़े ............
सुख दुःख 
कुछ भी, 
कभी भी,
किसी से,
सुख में मुस्कुराऊं 
दुखो से लड़ जाऊं
ताकि में आज की तरह ही कल भी कह सकूँ 
जिंदगी मुझे इश्क है तुझसे 
तूने जो भी दिया है मैंने लिया है 
मैंने तुझे दिल से जिया है !


 

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